Sunday, May 31, 2020

ऑनलाइन फैशन प्रतियोगिता की विजेताओं के नाम घोषित

आज की दिल्ली, योगराज शर्मा।

शुभस्टार एंटरटेनमेंट के निर्देशक शुभम कुमार फैशन इंडस्ट्री के जाने-माने नामों में से एक हैं। तालाबंदी के दौरान ग़ाज़ियाबाद में गरीब और ज़रूरतमंद लोगों की सेवा करने के अलावा, उन्होंने एक ऑनलाइन फैशन प्रतियोगिता STUNNING & MODISH MODELING STAR का संचालन किया।
प्रतियोगिता का समापन सफलतापूर्वक 12models विभिन्न खिताबों के विजेताओं के रूप में उभरने के साथ किया गया था। पूरे भारत में  टॉप 42 उम्मीदवारों में से,   टॉप 12 को विभिन्न मीडिया प्लेटफार्मों और उन्हें दिए गए वीडियो कार्यों पर सार्वजनिक मतदान के आधार पर चुना गया था।
टॉप 12 विजेताओं में यामिनी सिंधी, दीपा कश्यप, गरिमा शुक्ला, रितिका, नितिका, निशा पांचाल, रुमांशी चंदेल, नवनीत, रुचि रावत, ऋषिका, सेजल और मोनी एकता हैं।
उपाधियों के साथ, प्रतियोगिताओं के विजेताओं को अलग-अलग अवसर भी प्रदान किए जाते हैं।
  शुभस्टार एंटरटेनमेंट की अगली ऑनलाइन प्रतियोगिता का चेहरा होने के साथ यामिनी, गरिमा और रूचि को FASCINATE WARDROBE के हाई फैशन मॉडल शूट के लिए चुना गया है। अन्य सभी विजेताओं ने उपहार हैम्पर्स जीते हैं जो लॉकडाउन समाप्त होने के बाद उनके द्वारा एकत्र किए जा सकते हैं।
निशा, रुमांशी और दीपा को टीम के साथ काम करने के लिए शूट और शो समन्वयक होने का अवसर प्रदान किया जाता है।
नेहा ढौंढियाल हमेशा से ही हर प्रतियोगिता में मदद करती रही हैं और इस बार भी वह प्रतियोगिता की समर्थन प्रणाली होंगी।
शुभम कुमार ने कहा, "यह अंत नहीं है, लेकिन कंपनी द्वारा इस तरह के अद्भुत प्रतियोगिताओं की शुरुआत है।" कंपनी अब ऑनलाइन टैलेंट हंट कॉन्टेस्ट करने की योजना बना रही है, विवरण शुभस्टार   एंटरटेनमेंट के सोशल मीडिया पेज पर उपलब्ध हैं।

कोरोना काल में कैसे बदल रही है उत्तर प्रदेश की राजनीति

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों एक बदलाव की प्रक्रिया से गुजर रही है. ये बदलाव सत्ता पक्ष की राजनीति में न होकर विपक्ष की राजनीति में हो रहा है.
विपक्ष की राजनीति का यह उथल-पुथल एवं हलचल की प्रक्रिया यूं तो कोरोना महामारी के समय के आरम्भ होने के पहले ही हो चुकी थी, किन्तु कोरोना काल में वायरस को रोकने के लिए हो रहे प्रयासों, चिकित्सकीय तैयारी एवं लॉकडाउन से उत्पन्न संकटों के इर्द-गिर्द खड़े हुए राजनीतिक विमर्शों के बाद इस प्रक्रिया में और तेजी आई है.
कोरोना संकट की शुरुआत होने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गाँधी अपने पत्रों, ट्विटर संवादों, ऑनलाइन गतिविधियों से कोरोना संकट में मजबूर सामाजिक समूहों के प्रश्न उठाकर सत्ता के समक्ष अनेक सुझाव एवं सलाह उठाती रही हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ उनके अनेक सुझावों पर प्रतिक्रिया भी करते रहे हैं.
एक प्रखर विपक्ष एवं सक्रिय सत्ता पक्ष का संवाद जनतंत्र के विकास के लिए बेहतर ही था

कोरोना संकट

कोरोना संकट में मजलूमों, मजदूरों, प्रवासी श्रमिकों के लिए कल्याणकारी नीतियों एवं सेवा कार्य पर सहमति होने के बावजूद 'बस विवाद' पर सत्ता पक्ष एवं प्रियंका गाँधी के नेतृत्व में काँग्रेस में अभी हाल ही में अन्तर्विरोध तेज हुआ है.
किन्तु इस पूरी प्रक्रिया में बीजेपी एवं काँग्रेस ने ही जनचर्चाओं में अपनी उपस्थिति दर्शायी है.
बसपा प्रमुख मायावती उत्तर प्रदेश में विपक्ष का एक महत्वपूर्ण एवं प्रभावी स्वर रही हैं.
लेकिन कोरोना संकट के दिनों में वे ज्यादा सक्रिय होकर अपनी उपस्थिति नहीं दर्ज करा पाई हैं. उत्तर प्रदेश में एवं पूरे देश में प्रवासी मजदूरों का मुद्दा इस वक्त राजनीतिक विमर्शों के केन्द्र में हैं.
लेकिन इस मुद्दे पर मायावती कभी-कभी ही बोलती हैं. प्रवासी मजदूरों में ज्यादा संख्या दलित एवं पिछड़े सामाजिक समूहों से आने वाले लोगों की हैं.
मायावती जिनकी राजनीति का बेस वोट दलित उपेक्षित एवं पिछड़े रहे हैं, वे इस पर मुखर क्यों नहीं हैं?

राजनीति में नया विमर्श

यह प्रश्न राजनीतिक हलकों में बार-बार उठ रहा है. मेरी समझ से इसका मुख्य कारण है- कोरोना संकट के दिनों में राजनीति में नये विमर्श एवं नई भाषा से ताल मेल बिठाने के लिए पहल करने में उनका विलम्ब.
वस्तुतः इस समय में वायरस को रोकने के प्रयास, इसके इर्द-गिर्द जीवन बचाने की तैयारी एवं लॉकडाउन में संकट झेल रहे समुदाय राजनीतिक विमर्शों के केन्द्र में आते जा रहे हैं. इन दिनों राजनीति की भाषा में नया बदलाव आ रहा है.
राजनीतिक विमर्श के केन्द्र में श्रमिक, मजदूर, जैसे वर्गीय कोटियाँ आती जा रही हैं. दलित एवं पिछड़े जैसे जाति आधारित कोटियाँ इन्हीं के हिस्से के रूप में शामिल मानी जा रही हैं.
मायावती राजनीतिक भाषा में हो रहे इस नये बदलाव से अपने को जोड़ नहीं पा रहीं हैं. फलतः श्रमिक, प्रवासी मजदूर जैसे सामाजिक समूहों के प्रश्न तो वे उठा रही हैं, किन्तु उन्हें अपनी आज की राजनीति में प्रभावी आवाज वे नहीं बना पा रही हैं.

कांग्रेस से नाराज़ मायावती

वे इसे समझने में कहीं चूक कर रही हैं कि कैसे कोरोना संकट में दुख झेल रहे अपने बेस वोट के एक भाग को मरहम लगाया जाए.
वहीं काँग्रेस कोरोना संकट के पहले से ही अपनी राजनीति के गरीब, मजदूर, देहड़ी-पट्टी, दिहाड़ी श्रमिकों के प्रश्नों से अपने को जोड़ने लगी थी.
इस वैश्विक महामारी के बाद जब भारतीय समाज में मजदूरों एवं प्रवासी श्रमिकों का संकट खड़ा हुआ, तो उसे अपनी राजनीति को इनके प्रश्नों से जोड़ने में आसानी हुई.
प्रवासी श्रमिक, मजदूर जिनका एक बड़ा हिस्सा उपेक्षित एवं अनुसूचित जाति के सामाजिक समूहों से आता है, उनके कांग्रेस की तरफ झुकने की आशंका शायद मायावती को तंग कर रही है.

शायद इसीलिए वे बीजेपी से ज्यादा काँग्रेस पर हमलावर नजर आती हैं. वैसे भी दलित एवं अनुसूचित जातियों का यह वर्ग बसपा के उभार के पहले काँग्रेस का वोट बैंक रहा है.

युवा दलित नेता

ऐसे में उनकी अनुभूतियों एवं स्मृतियों में काँग्रेस अभी भी शामिल है.
अतः मायावती के लिए 'आधार मत' (बेस वोट) की राजनीति के सन्दर्भ में अगर सोचें तो उन्हें बीजेपी से ज्यादा काँग्रेस से खतरा महसूस होता है.
इसी लिए 2017 में हुए उत्तरप्रदेश के विधान सभा चुनाव के दिनों एवं 2019 के लोक सभा चुनाव के अपने प्रचार अभियानों में भी वे काँग्रेस पर काफी हमलावर रही है.
प्रियंका गाँधी उत्तर प्रदेश में उभर रहे युवा दलित नेता चन्द्रशेखर के प्रति झुकाव रखती भी दिखती हैं. यह भी मायावती जी को नागवार गुजरता है.
किन्तु इधर काँग्रेस मजदूरों, अप्रवासी श्रमिकों, असंगठित क्षेत्र के कामगार वर्गों के प्रश्नों एवं उनके इर्द-गिर्द अपनी राजनीति को प्रखर कर विपक्ष की राजनीति में अपनी उपस्थिति मजबूत कर रही है.
उत्तर प्रदेश की विपक्ष की राजनीति में कोरोना संकट के दिनों में चल रहे सक्रिय हस्तक्षेपों एवं सेवा कार्य की राजनीति में एक तरफ काँग्रेस सक्रिय होकर उभर रही है.

आगामी चुनाव

दूसरी तरफ बसपा प्रमुख मायावती एवं समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव की 'नॉर्मल-रूटीन उपस्थिति' उत्तर प्रदेश में विपक्ष की राजनीति में नये समीकरण विकसित कर रहा है.
यह अब पूरी तरह त्रिकोणात्मक होता जा रहा है. सम्भव है आगामी चुनावी जनतांत्रिक राजनीति में आधार वोटों में अदल-बदल की प्रक्रिया तेज हो.
किन्तु अगर उत्तर प्रदेश में विपक्ष समान रूप से त्रिकोणात्मक होता जाएगा तो इसके मुकाबले में खड़े भारतीय जनता पार्टी की केन्द्रीयता एवं चुनावी शक्ति में इज़ाफा हो सकता है.
सत्ता में होने का लाभ तो उसे मिलेगा ही. योगी आदित्यनाथ की प्रशासनिक सक्रियता का लाभ भी बीजेपी को मिल सकता है.
देखना यह है कि उत्तर प्रदेश के विपक्ष में कौन राजनीतिक दल इस उथल-पुथल से निकल उत्तर प्रदेश में भाजपा के मुकाबले में अपनी प्रभावी उप स्थिति का दावा मजबूती से कर पाता है.

G-7 में भारत को शामिल करेंगे ट्रंप, बुरी तरह घिर जाएगा चीन

 आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



कोरोना वायरस के कारण दुनियभर में आलोचनाओं का सामना कर रहा चीन दुनिया की सबसे शक्तिशाली आर्थिक शक्तियों के संगठन 'ग्रुप ऑफ सेवन' (G-7) में भारत के शामिल होने से बुरी तरह घिरने वाला है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत चीन के धुर विरोधियों को शामिल करने के लिए इस सम्मेलन को आखिरी वक्त पर सितंबर तक के लिए टाल दिया है। बता दें कि इस संगठन में शामिल सभी सात देश कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हैं और चीन को कई बार सार्वजनिक रूप से खरीखोटी सुना चुके हैं।

चीन को घेरने में जुटे ट्रंंप के लिए भारत जरूरी
भारत के संबंध कोल्ड वॉर के समय से ही रूस के साथ बेहद प्रगाढ़ रहे हैं और अब पीएम मोदी के मास्टरस्ट्रोक से चीन को चौतरफा घेरने में जुटे डोनाल्ड ट्रंप के लिए भारत का साथ जरूरी हो गया है। ट्रंप यह जानते हैं कि भारत के बिना वह चीन को मात नहीं दे सकते हैं। इसलिए ही अमेरिका ने कई ऐसे स्टेट ऑफ द ऑर्ट हथियारों को भारत को दिया है जो वह जल्दी किसी दूसरे देश को नहीं देता। अमेरिकी सेना भारत के साथ हिंद महासागर में खुफिया सूचनाओं का भी आदान-प्रदान करती हैं। वहीं, हाल केे 3-4 साल में अमेरिका ने भारत के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज को भी बढ़ाया है।

जी-7 में शामिल हैं ये देश
  • अमेरिका
  • फ्रांस
  • यूनाइटेड किंगडम
  • कनाडा
  • इटली
  • जर्मनी
  • जापान
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चीन को घेरने के लिए अमेरिका बना रहा गुट
जी-7 की बैठक में अमेरिका कोरोना वायरस और साउथ चाइना सी मुद्दे पर चीन के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों के लिए अपने गुट को मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और विदेश मंत्री माइक पोम्पियो कई बार सार्वजनिक रूप से चीन की आलोचना कर चुके हैं। इतना ही नहीं, ट्रंप तो कोरोना वायरस को वुहान वायरस और चीनी वायरस का नाम भी दे चुके हैं।

इन देशों को शामिल करना चाहते हैं ट्रंप
डोनाल्ड ट्रंप जी-7 में भारत, रूस, साउथ कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को शामिल करना चाहते हैं। इन देशों के चीन के साथ संबंध अच्छे नहीं है। बता दें कि भारत के साथ जहां लद्दाख सीमा पर तनातनी चल रही है। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के साथ भी चीन के संबंध सही नहीं है। चीन ने हाल में ही ऑस्ट्रेलिया से आयात होने वाले जौ और मांस पर प्रतिबंध लगाया है। इसके अलावा चीन की सरकारी मीडिया ऑस्ट्रेलिया को 'अमेरिका का कुत्ता' तक की संज्ञा दे चुकी है।

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लद्दाख में भारत के खिलाफ चाल चल रहा है चीन
विस्तारवादी नीतियों को लेकर कुख्यात चीन अपने गुनाहों पर पर्दा डालने के लिए कुछ और ही साजिश रच रहा है। मई के शुरुआत में ड्रैगन ने न केवल भारत से लगती लद्दाख सीमा पर अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं बल्कि भारतीय क्षेत्र में हो रहे सड़क निर्माण को लेकर भी आपत्ति जताई है। प्रखर राष्ट्रवाद की आड़ में चीन अपने नागरिकों का ध्यान कोरोना वायरस की विभीषिका से हटना चाहता है।

डोनाल्ड ट्रंप ने G7 समिट सितंबर तक टाली, भारत को न्योते का प्लान

SCO में चीन को मात देना रूस-भारत के लिए मुश्किल
दुनिया के सबसे बड़े क्षेत्रीय संगठन शंघाई सहयोग संगठन की रूस में प्रस्ताविक बैठक में चीन को लेकर तनाव देखने को मिल सकता है। हालांकि रूस और भारत दोनों सीधे तौर पर चीन से भिड़ना नहीं चाहेंगे। बता दें कि 2020 में एससीओ समिट का आयोजन रूस में होना है जिसकी अध्यक्षता भारत करेगा। 2017 से इस संगठन का पूर्णकालिक सदस्य बनने के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की छवि भी बहुत मजबूत हुई है।

विवादित नक्शे पर ओली को मिला विपक्ष का साथ, भारत के साथ खराब हो सकते हैं रिश्ते

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :




नेपाल में देश के नए नक्शे के लिए संविधान संशोधन का रास्ता साफ हो गया है जिससे भारत के साथ रिश्तों में खटास आ सकती है। नेपाल की के पी शर्मा ओली सरकार ने देश के नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों कालापानी, लिंपियाधुरा और लिपुलेख को भी शामिल किया है। नेपाल के मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने इसके लिए जरूरी संविधान संशोधन विधेयक को समर्थन देने का फैसला किया है। इससे अब इस विधेयक के दो-तिहाई बहुमत से पारित होने की उम्मीद है।

अगर इस विधेयक को नेपाली संसद की मंजूरी मिलती है तो इससे राष्ट्रवादी नेता के रूप में ओली की छवि मजबूत होगी और भारत विरोधी रुख के कारण वह अपनी कम्युनिस्ट पार्टी में अपने विरोधियों पर भारी पड़ेंगे। हालांकि अभी इस विधेयक को संसद में पेश करने की तारीख तय नहीं की गई है लेकिन इसे के जल्दी ही पेश किया जा सकता है।

मजबूत होंगे ओली
भारतीय अधिकारियों के मुताबिक नेपाली कांग्रेस ने इस मुद्दे पर पार्टी के भीतर चर्चा के लिए समय मांगा था लेकिन इसका नतीजा पहले से ही तय माना जा रहा था। नेपाल में पहले से ही इसके पक्ष में जनमत बन चुका है और नेताओं के लिए इसके खिलाफ जाना आसान नहीं है।


राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) पहले ही इस विधेयक का समर्थन कर चुकी है। साथ ही समाजवादी जनता पार्टी नेपाल और राष्ट्रीय जनता पार्टी नेपाल ने भी इसका समर्थन किया है। भारत ने हाल में लिपुलेख दर्रे की ओर जाने वाली एक सड़क का औपचारिक उद्घाटन किया था। उत्तराखंड में पिथौरागढ़ जिले का यह हिस्सा आजादी से पहले से ही भारत के पास है लेकिन नेपाल इस पर अपना दावा करता आया है।

चीन की ओर झुकाव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बार-बार कोशिशों के बावजूद नेपाल के साथ रिश्तों को आगे बढ़ाना भारत के लिए चुनौती बना हुआ है। चीन की तरफ ओली के झुकाव से भारत और नेपाल के रिश्तों में तल्खी आई है। ओली भारत विरोधी भावनाओं के लिए जाने जाते हैं।


इस मुद्दे पर भारत का रुख भी सख्त होता जा रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि शायद लिपुलेख सड़क का उद्घाटन इतने भव्य तरीके से नहीं किया जाना चाहिए था। सेना प्रमुख के इस बयान ने भी आग में घी का काम किया कि नेपाल चीन के इशारों पर काम कर रहा है। इससे नेपाल की सेना में नाराजगी है। लेकिन नक्शे में बदलाव की नेपाल की कोशिश से दोनों देशों के रिश्तों में मुश्किलें पैदा होंगी।

नए नक्‍शे में 395 वर्ग किमी भारतीय इलाका शामिल
नेपाल ने अपने नए नक्‍शे में कुल 395 वर्ग किलोमीटर के इलाके को शामिल किया है। लिंपियाधुरा, लिपुलेख और कालापानी के अलावा गुंजी, नाभी और कुटी गांवों को भी शामिल किया गया है। नेपाल के नए नक्‍शे में कालापानी के कुल 60 वर्ग किलोमीटर के इलाके को अपना बताया है। इसमें लिंपियाधुरा के 335 किलोमीटर के इलाके को जोड़ दें तो यह कुल 395 वर्ग किलोमीटर हो जाता है। इस तरह से नेपाल ने भारत के 395 किलोमीटर के इलाके पर अपना दावा ठोका है।

Maruti ने 30 जून तक बढ़ाई कारों की फ्री सर्विस और वारंटी, बताया लॉकडाउन में ऐसे करें कारों की देखभाल

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



विस्तार

रविवार को फैसला हो जाएगा कि लॉकडाउन 5.0 लागू किया जाएगा या नहीं। हालांकि सुगबुगाहट है कि लॉकडाउन को 15 दिनों के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। ऑटोमोबाइल कंपनियां भी इसे समझ रही हैं। देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने ग्राहकों को आश्वस्त किया है कि इस दौरान ग्राहकों को कोई समस्या नहीं होगी और फ्री सर्विस, वारंटी और एक्सटेंडेड वारंटी खत्म नहीं की जाएगी।

मई में किया था एलान

मारुति ने मई में पहले ही एलान कर दिया था कि जिन ग्राहकों की गाड़ियों की निशुल्क सेवाएं जैसे फ्री सर्विस, वारंटी और एक्सटेंडेड वारंटी 15 मार्च और 30 अप्रैल से 30 जून 2020 तक समाप्त होने वाली सेवाओं को लॉकडाउन अवधि के बाद नवीनीकरण किया जा सकता है या उसका लाभ उठाया जा सकता है।

प्राइमरी वारंटी, एक्सटेंडेड वारंटी और फ्री सर्विस शामिल

वहीं अब मारुति सुजुकी ने अपने ग्राहकों के लिए मुफ्त सेवा, वारंटी और एक्टेंडेड वारंटी की वैधता बढ़ाने की घोषणा की है। कंपनी का कहना है कि जिन ग्राहकों की वारंटी अवधि मई 2020 में खत्म हो रही है, उसे अब जून 2020 तक बढ़ा दिया गया है। इससे उन ग्राहकों को एक मौका मिलेगा, जो लॉकडाउन के कारण पिछली सेवा और वारंटी लाभ का लाभ नहीं उठा सके थे। इन लाभों में प्राइमरी वारंटी, एक्सटेंडेड वारंटी और फ्री सर्विस शामिल है। 

ढाई करोड़ से ज्यादा एसएमएस

इसके अलावा कंपनी ने लॉकडाउन के दौरान कारों को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए ग्राहकों को कुछ एहतियाती सुझाव भी दिए हैं। कंपनी ने इस दौरान मौजूदा ग्राहकों ढाई करोड़ से ज्यादा एसएमएस भी भेजे हैं। इसमें मारुकि सुजुकी ने कारों की बैटरी को लेकर खास सलाह भी जारी की है, क्योंकि लॉकडाउन के चलते कई ग्राहकों के वाहन लंबे समय से खड़े हैं।

एक महीने में इंजन को जरूर करें स्टार्ट

मारुकि ने अपने ग्राहकों को भेजे संदेश में कहा है कि रेगुलर व्हीकल्स को महीने में एक बार कार के इंजन के 15 मिनट के लिए जरूर स्टार्ट करें। वहीं SVHS या माइल्ड हाइब्रिड वाहनों के मालिकों से कंपनी ने कहा कि महीने में एक बार उन्हें 30 मिनट के लिए अपनी गाड़ी के इंजन को जरूर स्टार्ट करें, साथ ही इस दौरान हेडलाइट चालू रखें।

वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स को Lenovo के ये स्मार्ट सॉल्यूशन्स आएंगे पसंद

आज की दिल्ली / इंडिया न्यूज़ ऑनलाइन :

इन दिनों वर्क फ्रॉम होम या ई-लर्निंग आम बात हो गई है। कोरोनावायरस महामारी को देखते हुए पिछले कुछ महीनों से ज्यादातर कंपनियां अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दे रहे हैं। वहीं, केन्द्र सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन 5 या अनलॉक 1.0 के गाइडलाइन्स के मुताबिक, ज्यादातर कंपनियों को वर्क फ्रॉम होम कराने के लिए कहा जा रहा है ताकि लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा सके। टेक्नोलॉजी ने हमारे लिए वर्क फ्रॉम होम से लेकर ई-लर्निंग और डिजिटलाइजेशन को आसान बना दिया है। अगर, आप भी इन दिनों वर्क फ्रॉम होम कर रहे हैं तो ये 6 एक्सेसरीज आपके काम को आसान बना सकते हैं।
एक्टिव न्वॉइज कैंसिलेशन वाले हेडफोन्स
वर्क फ्रॉम होम कर रहे कर्मचारियों को अपने टीम के साथ वर्चुअल मीटिंग या कॉन्फ्रेंस करना पड़ता है। ऐसे में उनके लिए हेडफोन्स एक जरूरी एक्सेसरीज है। लेकिन, कई ऐसे हेडफोन्स या ईयरफोन्स बाजार में उपलब्ध हैं, जिनका इस्तेमाल करने के बाद भी आपको बाहर की आवाजें सुनाई देती हैं और आप मीटिंग पर पूरी तरह से ध्यान नहीं दे पाते हैं। ऐसे में आपको एक्टिव न्वॉइज कैंसिलेशन (ANC) फीचर वाले हेडफोन्स की जरूरत होगी, जिसकी मदद से आप बाहर से आने वाले शोर-शराबे को काफी हद तक रिड्यूस कर सकेंगे। कम्प्यूटर सॉल्यूशन प्रोवाइड करने वाली कंपनी Lenovo ने ThinkPad X1 ANC हेडफोन्स को भारतीय बाजार में उपलब्ध कराया है। ये हेडफोन्स रीच ऑडियो एक्सपीरियंर और कंट्रोलेबल न्वॉइज कैंसिलेशन फीचर से लैस है। इसकी मदद से आप मीटिंग के दौरान क्रिस्टल क्लियर साउंड एक्सपीरियंस कर सकेंगे।
कॉम्पैटिबल माउस
लैपटॉप के टचपैड से आप पूरी एफिशिएंसी के साथ मल्टी टास्किंग फीचर को एक्सेस नहीं कर पाते हैं। ऐसे में आप लंबे समय तक काम करने के लिए एक्सटर्नल माउस का इ्स्तेमाल करते हैं। खास तौर पर डिजाइनिंग और एक्सल इस्तेमाल करने वाले यूजर्स को एक्सटर्नल माउस की जरूरत होती है। Lenovo ThinkPad X1 प्रजेंटर माउस आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसकी खास बात ये है कि ये वायर और वायरलेस दोनों को सपोर्ट करता है। इसे आप ब्लूटूथ के जरिए भी लैपटॉप से कनेक्ट कर सकते हैं या फिर आप USB केबल के जरिए भी कनेक्ट कर सकते हैं। 
डाटा ट्रांसफर सॉल्यूशन
वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स को कई तरह के डाटा के साथ डील करना पड़ता है। ऐसे में कई बार मल्टीपल डिवाइस को लैपटॉप से कनेक्ट करना पड़ता है। ऐसे में आप ThinkPad USB-C Dock Gen2 डाटा ट्रांसफर डिवाइस का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें 10Gbps तक की स्पीड से मल्टीपल डिवाइस को कनेक्ट करके डाटा ट्रांसफर कर सकते हैं।
पावर बैक-अप
ऑफिस में काम करने वाले यूजर्स के लिए पावर बैक-अप सॉल्यूशन उपलब्ध रहता है, जिसकी वजह से लाइट जाने के बाद भी बिना किसी रुकावट के काम किया जा सकता है। वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स के लिए भी Lenovo Powered USB-C Travel Hub के जरिए पावर बैक-अप सॉल्यूशन उपपलब्ध है। इस ट्रेवल रेडी पावरहाउस में वन स्टेप ट्रेवल डॉकिंग प्वाइंट दिया गया है। जिसकी मदद से आप अपने डिवाइसेज को कनेक्ट करके चार्ज कर सकते हैं। इसमें एक साथ 6 डिवाइस को कनेक्ट किया जा सकता है। 
डेस्कटॉप यूजर्स के लिए वेबकैम
अगर, आपके पास लैपटॉप नहीं है और आप अपने घर में मौजूद डेस्कटॉप पर काम कर रहे हैं तो आपके लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस मीटिंग में भाग लेना मुश्किल हो सकता है। ऐसे में आप Lenovo 500 FHD वेबकैम का इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें पिक्सल परफेक्ट हाई डिफिनिशन पर आप वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर सकते हैं। 
की-बोर्ड
माउस की तरह ही की-बोर्ड भी एक बेहत जरूरी एक्सेसरीज है जो वर्क फ्रॉम होम कर रहे यूजर्स को चाहिए। इसके लिए यूजर्स Lenovo Prefessional Ultra Slim वायरलेस की-बोर्ड कॉम्बो का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये की-बोर्ड अल्ट्रा स्लिम है और बहुत ही कम स्पेस लेता है। इसमें री-चार्जेबल बैटरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। एक बार चार्ज करने पार इसकी बैटरी 3 महीने तक इस्तेमाल की जा सकती है। इसे एक बार चार्ज होने में 2.5 घंटे का समय लगता है।

Google Maps में जुड़ा एक और नया फीचर, अब लोकेशन शेयर करना हुआ और भी आसान

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



Google Maps के लिए एक नया अपडेट रोल आउट किया गया है। इस नए अपडेट के साथ ही Google Maps की लोकेशन शेयरिंग फीचर को अपग्रेड किया गया है। अब यूजर्स अपने लोकेशन को प्लस कोड्स के जरिए शेयर कर सकेंगे। Google Maps में ये फीचर फिलहाल एंड्रॉइड यूजर्स के लिए जोड़ा गया है। आपको बता दें कि Google Maps में प्लस कोड का विकल्प अगस्त 2015 से ही मौजूद है लेकिन जो नया बदलाव आया है उसमें यूजर्स प्लस कोड्स को एक्सपेंड करके इसका इस्तेमाल आसानी से एग्जेक्ट लोकेशन पर पहुंचने के लिए कर सकेंगे।
आपको बता दें कि नेविगेटर्स के लिए प्लस कोड एक डिजिटल अड्रेस होता है जो कि लॉन्गिट्यूड और लैटिट्यूड को-ओर्डिनेशन के जरिए क्रिएट होती है। Google Maps नेविगेटिंग ऐप में ग्लोबल पॉजीशनिंग सिस्टम (GPS) के द्वारा इन लॉन्गिट्यूड और लैटिट्यूड को जेनरेट किया जाता है। क्रिएट किए गए डिजिटल अड्रेस में प्लस कोड जेनरेशन टेक्नोलॉजी को रोल आउट किया गया है।
Google Maps के डायरेक्टर प्रोग्राम मैनेजमेंट, डेविड मार्टिन ने अपने स्टेटमेंट में कहा कि प्लस कोड को जेनरेट करने वाली टेक्नोलॉजी भी एक ओपन सोर्स कोड है, जिसका मतलब है कि यह टेक्नोलॉजी सस्ती और इस्तेमाल करने के लिए फ्री है, तो कोई भी यह देख सकता है कि यह टेक्नोलॉजी किस तरह से काम करता है और इसके आधार पर अपने ऐप को डेवलप कर सकते हैं।
Google Maps में शेयर किए गए लोकेशन में प्लस कोड को देखने के लिए यूजर्स को मैप में मौजूद ब्लू डॉट पर टैप करना होगा। या फिर यूजर चाहे तो किसी भी स्पॉट पर लॉन्ग प्रेस करके वहां पिन मार्क करके कोड प्राप्त कर सकता है। इस प्लस कोड फीचर के अलावा Google Maps में कई और नई चीजें जोड़ी गई हैं, जिनमें नियरबाई प्लेसेज को देखकर पार्किंग को सेव करना शामिल है। जैसे ही आपके स्क्रीन पर प्लस कोड दिखाई देता है आप उसे कॉपी कर सकेंगे और उसे अपने कॉन्टैक्ट्स को शेयर कर सकेंगे। इसे वॉट्सऐप के साथ-साथ टेक्स्ट मैसेज या अन्य मैसेजिंग टूल के जरिए शेयर किया जा सकेगा।

बाइस्कोप: जीतेंद्र, कमल हासन और अनिल कपूर तक थे इस कहानी पर फिदा, लेकिन नंबर लगा राजेश खन्ना का

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



ये बात है सन 1983 की। कानपुर की सर्दियां किसी मायने में दिल्ली की सर्दी से कम नहीं हुआ करती हैं। लेकिन, तब शहर इतना प्रदूषित नहीं था और सडकें भी शहर की बेहतर हालत में हुआ करती थीं। परेड चौराहे से लाल इमली की तरफ जाने वाली सड़क पर रोज का आना जाना था। फरवरी का आखिरी हफ्ता था।

और, एक दिन सबेरे सबेरे इम्पीरियल टॉकीज के सामने फैक्ट्री से निकले मजदूरों की सैकड़ों साइकिलें देख बाकी लोग भी रुकने लगे। सबकी निगाहें टॉकीज के बाहर हाथ से पेंट करके बनाए गए एक बड़े से पोस्टर पर लगी थीं। टॉकीज के बगल में शहर की सबसे बड़ी पेंटिंग वर्कशॉप रंगशाला हुआ करती थी और उसके मुख्य पेंटर शरीफ फिल्मों के शौकीनों में बेहद लोकप्रिय और जाना पहचाना नाम हुआ करते थे। शरीफ के हाथों का कमाल इस होर्डिंग में भी बिल्कुल सजीव सी दिख रही तस्वीर में दिख रहा था।

पोस्टर पर एक युवती पीले रंग का ऑफ शोल्डर टॉप पहने और बेहद चुस्त पैंट में खड़ी थी। फिल्म का नाम लिखा था, हिम्मतवाला। और, हीरोइन का नाम हीरो से भी बड़े फॉन्ट में। पब्लिक की सारी दिलचस्पी इसी नई हीरोइन श्रीदेवी की कद काठी में थी और थिएटर के मैनेजर से लेकर मालिक तक सब इस बात पर लहालोट हो रहे थे कि सिर्फ पोस्टर का ये क्रेज है तो फिल्म रिलीज होगी तो क्या होगा। इन्हीं श्रीदेवी की फिल्म मास्टरजी है हमारी आज के बायस्कोप की फिल्म।

श्रीदेवी का जादू हिंदी सिनेमा के दर्शकों के सिर थोड़ी देर से चढ़ा क्योंकि रानी मेरा नाम में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट और जूली में सेकंड लीड हीरोइन के तौर पर नजर आने के बाद वह अमोल पालेकर के साथ फिल्म सोलवां सावन में बाकायदा लीड रोल कर चुकी थीं। लेकिन, उन्हें चमकना था तो जीतेंद्र की हीरोइन बनकर।

फिल्म मास्टरजी की रिलीज से पहले श्रीदेवी एक दर्जन से ज्यादा हिंदी फिल्में बतौर लीड हीरोइन कर चुकी थीं और इनमें से आठ फिल्में थीं जीतेंद्र के साथ। अमिताभ बच्चन के साथ उनकी फिल्म इंकलाब हिट हो चुकी थी। कमल हासन के साथ रिलीज हुई फिल्म सदमा से वह समीक्षकों को भी भा चुकी थीं।

तभी तमिलनाडु में एक फिल्म का ज़बर्दस्त हल्ला हुआ। फिल्म का नाम था, मुनधनई मिदुचू। फिल्म की हीरोइन उर्वशी नई थी। काम फिल्म में उनका अपने नाम के ही अनुरूप रहा। लेकिन फिल्म के हीरो के भाग्यराज के करियर की ये सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। के भाग्यराज का साउथ में बड़ा जलवा रहा है।

वह निर्देशक भी कमाल के हैं और अभिनेता उससे बड़े धमाल के। भाग्यराज की लिखी फिल्मों पर कोई एक दर्जन हिंदी फिल्में बन चुकी हैं। जिनमें अनिल कपूर की पहली सोलो हिट फिल्म वो सात दिन से लेकर मास्टरजी, आखिरी रास्ता, बेटा, राजा बाबू, अंदाज, गोपी किशन, मिस्टर बेचारा, घरवाली बाहरवाली शामिल हैं। वैसे भाग्यराज भी अनिल कपूर की हिट फिल्म मिस्टर इंडिया के तमिल रीमेक में बतौर हीरो काम कर चुके हैं।

भाग्यराज का यहां जिक्र इसलिए क्योंकि फिल्म मास्टरजी जब बननी शुरू हुई तो इसके निर्देशक के तौर पर पहला नाम उन्हीं का आया। इस फिल्म से पहले के भाग्यराज की फिल्म मौना गीतांगल की रीमेक जीतेंद्र और रेखा की फिल्म एक ही भूल भी सुपरहिट हो चुकी थी। भाग्यराज फिल्म मास्टरजी में हीरो के तौर पर अमिताभ बच्चन को लेना चाहते थे।

अमिताभ बच्चन ने ये कहानी सुनी भी पर बात बनी नहीं। के भाग्यराज भी जिद के पक्के इंसान ठहरे। उनका कहना था कि वह हिंदी में फिल्म जब भी बनाएंगे तो पहली फिल्म अमिताभ बच्चन के साथ ही बनाएंगे। दोनों की जोड़ी मास्टरजी में तो नहीं बन सकी लेकिन के भाग्यराज को जल्दी ही ये मौका मिला फिल्म आखिरी रास्ता में। ये फिल्म उन्होंने कमल हासन के लिए तमिल में लिखी थी ओरु कैदियन डायरी के नाम से। आखिरी रास्ता भी सुपरहिट फिल्म रही और इस फिल्म में के भाग्यराज ने अमिताभ बच्चन के साथ श्रीदेवी और जयाप्रदा को भी लिया था।

खैर हम लौटते हैं अपनी आज के बाइस्कोप की फिल्म मास्टरजी की तरफ। जैसा कि मैंने पहले ही बताया कि श्रीदेवी की फिल्म हिम्मतवाला से लेकर बलिदान तक उनके हिंदी सिनेमा के करियर में जीतेंद्र ही जीतेंद्र छाए हुए थे। तो जब इस बात की चर्चा चली कि के भाग्यराज की एक औऱ सुपरडुपर हिट फिल्म का रीमेक हिंदी में श्रीदेवी के साथ बनने जा रहा है तो जीतेंद्र निश्चिंत थे कि ये फिल्म तो उनके साथ ही बनेगी।

लेकिन, फिल्म के प्रोड्यूसर आर सी शर्मा अमिताभ बच्चन को ये कहानी सुनाने के बाद पहुंच गए थे राजेश खन्ना के पास। इस बात को कोई कंफर्म तो नहीं करता है पर कहा यही जाता है कि फिल्म के लिए राजेश खन्ना का नाम खुद अमिताभ बच्चन ने ही सुझाया। राजपूत, डिस्को डांसर, सौतन, अवतार, अगर तुम ना होते जैसी फिल्मों से अपनी सेकंड इनिंग्स चमका रहे राजेश खन्ना को उन दिनों काम की कमी तो नहीं थी लेकिन फिल्म मास्टरजी का किरदार ऐसा था कि एक बार इसकी कहानी सुनकर राजेश खन्ना का चेहरा भी दो सौ वाट के बल्ब की तरह चमक गया।

मास्टर जी कहानी है एक ऐसे अध्यापक की जो गांव में अपने दुधमुंहे बच्चे के साथ नौकरी करने आता है। पढ़ाना और बच्चे को पालना दोनों काम वह एक साथ करता है। गांव की एक युवती अपने मसखरेपन के लिए चर्चित है। वह लोगों के साथ मजाक करती है। मास्टरजी के साथ भी वह ऐसा ही कुछ करने की कोशिश करती है, लेकिन अपनी पत्नी के गम से दुखी मास्टर उसे घास नहीं डालता।

वह दूसरी शादी भी नहीं करना चाहता क्योंकि उसे नहीं पता कि नई मां उसके बेटे को कैसे पालेगी? दोनों के अहं का टकराव होता है और मास्टरजी को नीचा दिखाने के लिए छोकरी उन पर ‘मी टू’ जैसा आरोप लगा देती है। पंचायत दोनो की शादी करने का फैसला सुनाती है। शादी तो हो जाती है पर दोनों के बीच पति पत्नी जैसा रिश्ता नहीं बनता। उर्वशी बनकर मास्टरजी की ये तपस्या भंग करने के लिए जो कुछ आगे होता है वही फिल्म मास्टरजी की कहानी है।

इस फिल्म की तमिल ओरीजनल फिल्म को हिंदी सिनेमा के नायकों में पहले पहल संजीव कुमार ने देखा था। संजीव कुमार ने तमिल फिल्म के निर्देशक के भाग्यराज से वादा भी किया कि वह इसकी हिंदी रीमेक में काम करेंगे। लेकिन, ये वो दौर था जब संजीव कुमार 24 घंटे नशे में धुत रहते थे। हेमा मालिनी की धर्मेंद्र से शादी हो जाने का गम उनसे छूटा नहीं था और फिल्म मास्टरजी की टीम ने ये फैसला किया कि उनके साथ ये फिल्म बनाना बहुत मुश्किल होगा।

संजीव कुमार और जीतेंद्र के अलावा एक और अभिनेता की इस फिल्म को लेकर बहुत तगड़ी दिलचस्पी रही और वह हैं अनिल कपूर। लेकिन, निर्माताओं को लगा कि फिल्म के किरदार के हिसाब से अनिल कपूर जैसे कलाकार की उम्र काफी कम है। के भाग्यराज ने भी अनिल कपूर को यही सलाह दी। अनिल कपूर ने आगे चलकर तमाम रीमेक फिल्मों में काम करके अपना नाम रौशन किया। इस फिल्म के लिए कुछ समय तक कमल हासन का भी नाम फिल्म के लीड हीरो के तौर पर चर्चा में रहा। कमल हासन की इच्छा भी थी ये फिल्म करने की लेकिन कभी उन्होंने इसकी ख्वाहिश सार्वजनिक नहीं की।

फिल्म मास्टरजी जब के भाग्यराज ने निर्देशित नहीं की तो इसके निर्देशन का जिम्मा मिला श्रीदेवी की पहली सुपरहिट हिंदी फिल्म हिम्मतवाला निर्देशित करने वाले के राघवेंद्र राव को। इनका पूरा नाम है कोवेलामुदी राघवेंद्र राव। जीतेंद्र के साथ उनकी खूब जमी।

और, उनके बेटे प्रकाश कोवेलामुदी ने पिछले साल जीतेंद्र की बेटी एकता कपूर के लिए निर्देशित की अपनी पहली हिंदी फिल्म, जजमेंटल है क्या। राघवेंद्र राव औऱ जीतेंद्र की दोस्ती फिल्म हिम्मतवाला से पहले शुरू हो चुकी थी जब दोनों की जोड़ी ने पूनम ढिल्लों के साथ निशाना और हेमा मालिनी व रति अग्निहोत्री के साथ फर्ज और कानून जैसी फिल्में बनाईं। राजेश खन्ना भी मास्टरजी से पहले के राघवेंद्र राव की बतौर निर्माता निर्देशक बनी हिंदी फिल्म नया कदम में काम कर चुके थे।

उस दौर की इन फिल्मों में नायिका की कामुकता, मादकता और हीरो को रिझाने के लिए फेंके जाने वाले पैंतरों पर निर्देशक का पूरा ध्यान रहता। युवाओं को फोकस में रखकर बनने वाली इन फिल्मों को पूरे परिवार के साथ देखना कई बार मुश्किल हो जाता था क्योंकि इन फिल्मों के संवाद अक्सर कादर खान लिखा करते। निर्माताओं की डिमांड कुछ कुछ दादा कोंडके की फिल्मों जैसे संवादों की होती और कादर खान ये सोचकर इंकार नहीं करते कि वह नहीं लिखेंगे तो कोई और इन्हें लिखेगा।

कादर खान और शक्ति कपूर की जोड़ी ने इन संवादों को परदे पर भी एक अलग ही गिरावट के साथ पेश किया। हिंदी सिनेमा के संवादों में दोहरे मायनों वाली बातों का ये कादर खान काल भी कहा जा सकता है। फिल्म मास्टरजी चली तो बस श्रीदेवी की श्रृंगार रस में पगी अदाओं और फिल्म के संवादों के कारण।

फिल्म मास्टरजी का संगीत ज्यादा कुछ फिल्म को सपोर्ट कर नहीं पाया और बप्पी लाहिड़ी भी उन दिनों बस गाने छाप दिया करते थे। फिल्में फिर भी सुपरहिट होती थीं। मास्टर जी भी सुपरहिट ही रही। दक्षिण के निर्माताओं ने हिंदी सिनेमा वालों की तिजोरियां भरने में अहम भूमिकाएं निभाई हैं। ये तो भला हो मणि रत्नम जैसे निर्देशकों का जिन्होंने बाद में आकर मामला संभाल लिया नहीं तो अस्सी के दशक का ये मसाला डोसा टाइप का साउथ सिनेमा हिंदी सिनेमा को कहां ले जाता, किसी को कुछ पता नहीं। आज के बाइस्कोप में इतना ही, कल यानी 1 जून को बात करेंगे एक और ओल्डी गोल्डी की..। सिलसिला जारी है।

Top 5 Horror Web Series: आपकी धड़कन बढ़ा देंगी ये पांच वेब सीरीज, डर के साथ होगा मनोरंजन

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :




लॉकडाउन में अमर उजाला आपके मनोरंजन का पूरा ख्याल रख रहा है। आप बोर न हो इसके लिए हम लगातार कोशिश कर रहे हैं। इसी फेहरिस्त में हम आपको रोज उन वेब सीरीज के बारे में भी बता रहे हैं जिन्हें देखकर आप अपना अच्छा टाइम पास कर सकते हैं। आज हम आपको पांच ऐसी इंडियन हॉरर वेब सीरीज के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपके दिल की धड़कन बढ़ा देंगी। 

टाइपराइटर 
इस लिस्ट में पहला नाम है टाइपराइटर का। अगर आपको हॉरर कहानियां पसंद हैं, आप वेब सीरीज एडिक्ट हैं और कुछ नया देखना चाहते हैं तो ये आपके लिए कमाल की वेब सीरीज है। सुजॉय घोष अपनी कहानियों में थ्रिलर एलिंमेंट्स के लिए जाने जाते हैं और ये सीरीज इससे भरी हुई है। ये कहानी घोस्ट ऑफ सुल्तानपुर नाम की एक किताब और एक टाइपराइटर के इर्द-गिर्द धूमती है। कुछ बच्चे किताब से प्रभावित हैं। इसी किताब के जरिए ये अपने मिशन को पूरा करते हैं और कहानी आगे बढ़ती है। आखिर तक भूत से मिलने का उनका सपना लगभग पूरा हो ही जाता है। इसे आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं। 

गहराईयां
गहराईयां एक हॉरर वेब सीरीज है, जो विक्रम भट्ट द्वारा बनाई गई है। इसमें संजय शेख, वत्सल शेठ मुख्य भूमिका में हैं। इसका निर्देशन सिद्घांत सचदेव ने किया है। वेब सीरीज की कहानी रैना मलिक (संजीदा शेख) की है, जो 26 साल की एक सर्जन हैं। किन्हीं वजहों से वो अपने प्रोफेशन को छोड़कर मुंबई शिफ्ट हो जाती हैं। लेकिन फ्लैट में उनके साथ डरावने हादसे होने लगते हैं। उन्हें लगता है कि कोई साया उनका हमेशा पीछा कर रहा है। उनके दोस्तों को लगता है कि यह रैना का वहम है। तब उनका पड़ोसी उनकी सहायता के लिए आगे आते है। इसे आप Viu पर देख सकते हैं। 

भ्रम
भ्रम कल्कि केकलां अभिनीत एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर वेब सीरीज है। भ्रम की कहानी और कथानक, अलीशा खन्ना नामक एक युवा लड़की की जीवन कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो प्रेम कहानियों की एक बेहतरीन लेखिका होती है। एक कार दुर्घटना उसके जीवन को बदल देती है और वह अपनी मानसिकता के संबंध में बहुत स्थिरता खो देती है। इसलिए, अपनी स्थिरता को हासिल करने के लिए वह अपनी बहन अंकिता (भूमिका चावला) की ओर मुड़ती है और उसके और उसके पति पीटर पॉल (संजय सूरी) के साथ घूमने और रहने का फैसला करती है। कहानी आगे बढ़ती और मजा दोगुना होने लगता है। इस वेब सीरीज को आप जी5 पर देख सकते हैं।

घूल
 घूल एक अरेबिक टाइटल है जिसका मतलब है जिन्न या पिशाच। एक बेटी अपने देश के प्रति कर्तव्य निभाते हुए देशद्रोही पिता के बारे में पुलिस को जानकारी देती है। वही, पिता अपने नापाक मनसूबों में कामयाब होने के लिए एक जिन्न की मदद लेता है जिसका नाम घूल है। इसके इर्द-गिर्द पूरी कहानी घूमती नजर आती है। पिता को लगता है कि सरकार मुस्लिमों के खिलाफ काम कर रही है इस कारण वह लोगों को इस्लाम का पाठ पढ़ाना चाहता है और लोगों को सचेत करना चाहता है। लेकिन इसी पिता की बेटी के विचार अलग हैं और वो पिता को कई बार यह सब करने से रोकती भी है। इस वेब सीरीज को आप नेटफ्लिक्स पर देख सकते हैं।
परछाई
जादुई, रहस्यमय, रोमांचक कहानियों के लिए मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड की कहानियों पर ये वेब सीरीज आधारित है। इसके कई एपिसोड्स हैं। इसके हर एपिसोड में एक अलग कहानी है। कुछ में आपको डर लगता है और कुछ आपके अंदर का डर निकाल देती हैं। लॉकडाउन में ये वेब सीरीज आपका अच्छा टाइमपास कर सकती है। इसे आप जी5 पर देख सकते हैं। 

लॉकडॉउन में नोएडा में गेस्‍ट हाउस में बेफ्र‍िक्री से चल रहा था सेक्‍स रैकेट, ग्राहकों के साथ लड़कियां पकड़ी गईं

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



गौतमबुद्ध नगर: ग्रेटर नोएडा इलाके में लॉकडाउन के दौरान चप्पे पर मौजूद पुलिस से बेफिक्र एक गैंग देह व्यापार का अड्डा चला रहा था. यह सेक्‍स रैकेट एक गेस्ट हाउस में चल रहा था. पुलिस ने जब छापा मारा तो दो लड़कियां, ग्राहक और गेस्ट हाउस कर्मचारी रंगे हाथ पकड़े गए.  
घटना की पुष्टि ग्रेटर नोएडा डीसीपी राजेश कुमार सिंह ने की. डीसीपी के मुताबिक, छापा सिग्मा-1 सोसायटी स्थित गेस्ट हाउस में मारा गया. पुलिस ने छापे में गेस्ट हाउस मालिक अनीश कश्यप, मैनेजर दीपाल कृष्ण सहित राहुल, नीरज के संग दो महिलाओं को भी पकड़ा है. 
छापे के दौरान पुलिस को मौके से 7 मोबाइल फोन, गर्भ निरोधक, स्कूटी, 2 बाइक, कई एटीएम कार्ड, गर्भ निरोधक गोलियां, करीब 12 हजार रुपए नकद, कुछ आधार कार्ड भी मिले हैं. इन सभी को सील करके पुलिस ने कब्जे में ले लिया है.
इस बारे में पुलिस ने थाना-बीटा-2 में केस दर्ज कर दिया है. नोएडा पुलिस ट्वीट कर बताया है कि अनैतिक देह व्यापार करने वाले रैकेट का खुलासा, 4 पुरुष व 2 महिलाए गिरफ्तार.

अपनी तस्वीरों से इंटरनेट पर मचाती है सनसनी, अश्मित और रिया के MMS ने मचाया था तहलका

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :

Actress Riya Sen stunning photoshoots- एक्ट्रेस रिया सेन अभी फिल्मों में एक्टिव नहीं है लेकिन अपने तस्वीरों के जरिए इंटरनेट पर सनसनी मचाए रखती हैं. कुछ वक्त पहले रिया ने अपनी गोवा में एन्जॉय करते हुए फोटोज़ शेयर की थीं. इस एक्ट्रेस को नेचर से बहुत प्रेम है और वो अपने फैंस को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करती हैं. बता दें, रिया का नाम अक्षय खन्ना, मशहूर लेखक सलमान रुश्दी तक के साथ जुड़ चुका है.
2007 में बिग बॉस-4 में शिरकत कर चुके अश्मित पटेल और रिया सेन का अफेयर इंटरनेट पर अश्लील वीडियो वायरल होने के बाद चर्चा का विषय बन गया था

कोरोना काल में बदल रहा पंजाब, युवा अपने देश में ही पूरे करेंगे ख्वाब

आज की दिल्ली / इंडियन न्यूज़ ऑनलाइन :



लुधियाना । पंजाब में धान की बुआई सिर पर है। प्रवासी मजदूर पंजाब से पलायन कर चुके हैं। पंजाब के युवा जो बाहर थे, वह पंजाब में लौट चुके हैं। पंजाब में धान की बुआई ज्यादातर बिहार के खेत मजदूरों पर ही निर्भर थी। 90% खेत मजदूर पंजाब से जा चुका है। अब पंजाब के युवाओं ने इसे चुनौती के रूप में लेते हुए इस बार खुद धान की बुआई करने की सोच ली है। इसके लिए पंजाब के अमृतसर, तरनतारन, गुरदासपुर, बटाला, जालंधर, लुधियाना ने जितने भी युवा बाहर से लौटे हैं और जो गांव में खाली हैं, वह सब अपनी अपनी या दिहाड़ी पर खेतों में काम करने के लिए उतर आए हैं। इससे युवाओं के लिए काम की कमी भी खत्म हो गई और किसानों का धान बुवाई का मसला भी हल हो गया यानी अब किसानों को खेती के लिए खेती मजदूरों की तलाश करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
किसान नेता हरदेव सिंह
बटाला से किसान नेता हरदेव सिंह कहते हैं राज्य में बहुत काम है, मगर हमारा नौजवान सिर्फ एक ही रट पकड़े हुए था कि बाहर जाना है और बाहर से पैसा कमा कर लाना है वहां जाकर वह चाहे मजदूरी ही करें इसमें वह खुश था नगर करोना महामारी ने युवाओं को बहुत बड़ा सबक दिया है कि अपने घर में जैसी भी मिले वैसी खा लो
करतारपुर से सरदार बंता सिंह
जालंधर के करतारपुर से सरदार बंता सिंह कहते हैं मैं पिछले 10 साल से 20 एकड़ जमीन में धान होता हूं। हर साल बिहार से लेबर आती थी और हजारों रुपया ले जाती थी। अब इस बार अपना रुपया अपने ही घर में रह जाएगा। हमारे युवाओं ने जो बीड़ा उठाया है, वह सराहनीय है। बाहर धक्के खाने से तो अच्छा है घर का पैसा घर में ही रह जाए।
तरनतारन किसान नेता सरबजीत सिंह
तरनतारन किसान नेता सरबजीत सिंह कहते हैं हम नौजवानों को समझाते रहे कि घर में काम करो बाहर जाकर क्या रखा है, पर तब उन्हें समझ नहीं आती थी। करोना महामारी फैलने के बाद अब उन्हें समझ में आ रहा है कि आखिर अपना घर अपना ही होता है। घर पर मेहनत करेंगे, रूखी-सूखी जो मिलेगी खा लेंगे। हम बाहर से आए खेत मजदूरों को हजारों रुपया धान लगाने के लिए देते हैं। हम अपने ही बच्चों को देंगे ताकि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर सकें।
तरनतारन कें युवा जसबीर सिंह
तरनतारन कें युवा जसबीर सिंह ने कहा कि मैं दुबई काम करने गया था। लॉकडाउन के बाद वहां फँस गया, निकलने की कोई राह नहीं थी। वाहेगुरु ने मेहर की, घर पहुंच गए। अब कहीं नहीं जाना है। यही काम करना है मेहनत करनी है और पैसा कमाना है। वहां भी मजदूरी करते थे, यहां भी कर लेंगे। हम लोगों ने एक ग्रुप बनाया है, जिसमें 20 लोग हैं। हम खेतों में काम करेंगे और धान की बुवाई करेंगे, जिससे हमारे घरों में पैसा आएगा और किसानों की समस्या का हल भी हो जाएगा।
बटाला के लखबीर सिंह गोल्डी
इसी तरह बटाला के लखबीर सिंह गोल्डी कहते हैं - वह मलेशिया में काम करते थे। पैकिंग का महीने का 25 से 30 हजार रुपये कमाते थे। कोरोना महामारी से देश के देश उजड़ते देखे तो रहा नहीं गया। समझ में आया कि अपना देश अपना ही होता है और अपना घर अपना। आ गए घर। बना ली यारों की टोली। उतर गए खेत में। धान की बुआई करेंगे और पैसा कमाएंगे।