Thursday, December 31, 2020

केन्द्र और दिल्ली की सरकार की जनहित विरोधी निर्णयों के कारण आज देश और दिल्ली का हर वर्ग परेशान है।- पवन खेड़ा

 अरविन्द सरकार द्वारा पराली गलाने की योजना पर हुए प्रचंण भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच होनी चाहिए - 75,780 के घोल के प्रचार के लिए लगभग 10 करोड़ खर्च हुआ और बांटने में 22.84 लाख खर्च हुआ-पवन खेड़ा।




केन्द्र और दिल्ली की सरकार की जनहित विरोधी निर्णयों के कारण आज देश और दिल्ली का हर वर्ग परेशान है।- पवन खेड़ा


नई दिल्ली, 31 दिसम्बर, 2020 - अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता श्री पवन खेड़ा ने केन्द्र और दिल्ली की सरकार की जनहित विरोधी निर्णयों के कारण आज देश और दिल्ली का हर वर्ग परेशान है। उन्होंने कहा कि यदि आज केन्द्र और दिल्ली की सरकारों में तुलना की जाए तो अधिकतर समानता ही दिखेंगीक्योंकि दोनों ने ही झूठ का दुष्प्रचार करके सत्ता हासिल की है। श्री पवन खेड़ा आज प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को सम्बोधित कर रहे थे। संवाददाता सम्मेलन में पूर्व विधायक श्री विजय लोचव और दिल्ली प्रदेश किसान सेल के चेयरमैन श्री राजबीर सौलंकी भी मौजूद थे।


श्री पवन खेड़ा ने कहा कि दिल्ली की अरविन्द सरकार ने पिछले वर्षों से प्रदूषण का मुख्य कारक पराली को बताकर प्रदूषण पर नियंत्रण पाने की अपनी जिम्मेदारी से लगातार भाग रहे है। उन्हांने कहा पराली को डिकम्पोस करने के लिए पूसा डिकम्पोसर के प्रचार के लिए अरविन्द सरकार ने विज्ञापन पर लगभग 10 करोड़ रुपये खर्च किए। जबकि पराली को गलाने के प्रयोग किए जाने वाले घोल पर लगभग 75,780 रुपये खर्च हुएजबकि इसकी तैयारियों जैसे ट्रैक्टर व टैंट पर 22.84 लाख रुपये खर्च किए। उन्होंने कहा कि 23.59 हजार के प्रोजेक्ट के प्रचार पर विज्ञापन के लिए लगभग 10 करोड़ रुपये के खर्च पर अरविन्द सरकार की नियत में साफ खोट नजर आता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली कांग्रेस यह मांग करती है कि इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए।


श्री पवन खेड़ा ने कहा कि दिल्ली में कुल 5800 हेक्टेयर में धान की खेती होती हैजिसमें 800 हेक्टेयर पर नॉन-बासमती धान की खेती हैजिसकी पराली को खेत में ही जला दिया जाता है। केजरीवाल सरकार ने पराली को जलाने की जगह गलाने वाले एक क्रांतिकारी घोल को बनाने की घोषणा की जिसके जरिए पराली से होने वाले प्रदूषण को पूर्णतः खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार की घोषणा के लिए 39 गांव के 26 प्रतिशत 310 किसानों को ही इस योजना का फायदा मिला जबकि 1200 किसानों ने इस घोल के लिए पंजीकरण कराया था।


श्री पवन खेड़ा ने कहा कि आई.ए.आर.आई. पूसा के मुताबिक एक हेक्टेयर में पराली को गलाने के लिए केप्सयूल की जरुरत होगीजिसके मुताबिक 800 हेक्टेयर के लिए सिर्फ 3200 केप्सयूल की जरुरत थीपरंतु सरकार ने 8000 केप्सयूल खरीदे। जिसकी जानकारी एक आरटीआई के माध्यम से मिली। उन्होंने कहा कि बचे हुए 4800 केप्सयूल का प्रयोग जब होना ही नही था तो इन्हें खरीदा क्यों गया और ये कहा गएश्री खेड़ा ने कहा आश्चर्य जताते हुए कहा कि अरविन्द सरकार ने किन अध्यनां के बल पर यह दावा किया कि 20 दिन में पराली गल जाएगी। जबकि दिल्ली सरकार की 15 सदस्यीय समिति ने जो रिपोर्ट सरकार को सौंपी उसके अनुसार न तो 20 दिन में पराली गली और एक हेक्टेयर में केप्सयूल की जगह 10 केप्सयूल का इस्तेमाल किया गया। श्री खेड़ा ने मांग की कि अरविन्द सरकार की पराली गलाने की झूठी रिपोर्ट किस मंशा से तैयार की और की जगह 10 केप्सयूल का प्रयोग में हुए भ्रष्टाचार की भी सीबीआई जांच की जानी चाहिए।


तीनों निगमों के बकाया 13000 करोड़ रूपय के लिए महापौर ने जनजागरण अभियान में लिया भाग

 तीनों निगमों के बकाया 13000 करोड़ रूपय के लिए महापौर ने जनजागरण अभियान में लिया भाग

उत्तरी दिल्ली के महापौर श्री जय प्रकाश ने आज तीनों नगर निगमों के 13000 करोड़ रूपय जारी करने की मांग को लेकर कश्मीरी गेट बस अड्डा से जनजागरण अभियान की शुरूआत की।

उत्तरी दिल्ली के महापौर, श्री जय प्रकाश ने कहा कि तीनों निगमों का बकाया 13000 करोड रुपए दिल्ली सरकार जानबूझकर नहीं देना चाहती है ताकि वे निगम को आर्थिक रूप से पंगु बना सके और निगम नागरिकों से जुड़े विकास कार्य न कर पाये और न ही अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन दे सके। उन्होंने कहा कि ये हमारा संवैधानिक अधिकार है और हम इसे लेकर रहेंगे। उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली सरकार निगम का बकाया फंड जारी नही करती है तब तक हम इस लड़ाई को जारी रखेंगे।

श्री जय प्रकाश ने कहा कि आम आदमी पार्टी निगमों का बकाया फंड ना दे कर सिर्फ और सिर्फ राजनीति कर रही है ताकि वो इसका फायदा आगामी निगम चुनावों में ले सके। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा निगमों को बकाया फंड जारी नहीं किए जाने के कारण दो लाख कर्मचारियों व सेवानिवृत्त कर्मचारियों को समय पर वेतन व पेंशन देने में काफी समस्या आ रही है।

खेसारीलाल यादव का रिलीज हुआ न्‍यू ईयर सौंग, अब हो रहा वायरल

 खेसारीलाल यादव का रिलीज हुआ न्‍यू ईयर सौंगअब हो रहा वायरल




कोरोना वायरस ने साल 2020 को जितना खराब किया अब लोगों को उतनी ही उम्‍मीद है कि वैक्‍सीन के साथ साल 2021 अच्‍छा हो। इसकी झलक इन दिनों भोजपुरी गानों में देखने को मिल रही है। आज साल का आखिरी दिन है और सुपर स्‍टार खेसारीलाल यादव ने कोरोना के दर्द को भुलाते हुए नये साल के लिए अपना उम्‍मीद भरा नया गाना रिलीज कर दिया है। गाना है – ‘चुम्मा चाटी के पार्टी होई। यह गाना वेब म्‍यूजिक से रिलीज किया गया हैजिसे कुछ ही समय में लाखों व्‍यूज मिले हैं और यह गाना अब खूब वायरल भी हो रहा है।

लिंक : https://youtu.be/4cutkF0740k

दरअसलखेसारीलाल यादव का यह साल 2020 का अंतिम गाना है। इससे पहले भी वे न्‍यू ईयर को लेकर कई गाने बना चुके हैं और उसमें 2021 के स्‍वागत का फन देखने को मिला है। लेकिन गाना चुम्मा चाटी के पार्टी होई’ में कोरोना और सोशल डिस्‍टेंसिंग की उकताहट को दर्शाते हुए नये साल के लिए अच्‍छी कामना की गई है। गाने को पवन पांडेय ने लिखा हैजो भोजपुरी इंडस्‍ट्री के सफल गीतकार हैं। इस गाने में आवाज खुद खेसारीलाल यादव ने दी है। म्‍यूजिक डायरेक्‍टर शंकर सिंह और पीआरओ रंजन सिन्‍हा हैं। डायरेक्‍टर संतोष राना हैं। 

गाने को लेकर खेसारीलाल यादव ने कहा कि चुम्मा चाटी के पार्टी होई’ गाना पार्टी सौंग है। इसमें ऑडियंस को खूब मजा आने वाला है। हमारी कोशिश है कि हम बीती बातों से बाहर आकर नये साल में नई शुरूआत हंसी – खुशी करें। इसलिए हमने यह पार्टी सौंग रिलीज किया है। उम्‍मीद है सबों को पसंद आयेगी और आप इस पर खूब झूमने वाले भी हैं।

राजकुमार प्रसाद ने कास्टिंग डायरेक्‍शन के क्षेत्र में बनाया उम्‍दा मकाम

 राजकुमार प्रसाद ने कास्टिंग डायरेक्‍शन के क्षेत्र में बनाया उम्‍दा मकाम


फ़िल्म हो या सीरियलउसमें जितनी अहम भूमिका निर्माता - निर्देशक की होती हैउतना ही महत्वपूर्ण भूमिका कास्टिंग डायरेक्‍टर की भी होती है। ऐसे ही एक कास्टिंग डायरेक्‍टर राजकुमार प्रसाद हैंजो भारतीय टीवी इंडस्‍ट्री के सबसे सीनियर कास्टिंग डायरेक्‍टर हैं और वे अब तक कुंडली भाग्य (धीरज धूपर)गुड्डन (कनिका मान)बहु बेगम (डायना खान)तेरा क्‍या होगा आलिया (हर्षद अरोड़ा) जैसे लोकप्रिय धारवाहिक के लिए कास्टिंग कर चुके हैं। बता दें कि राजकुमार प्रसाद उस समय से कास्टिंग डायरेक्‍टर हैंजब टेलीवीजन में ये कंसेप्‍ट भी नहीं था।

बिहार के नालन्दा जिले तेतरावां से आने वाले राजकुमार प्रसाद अपने हर काम को एक चाईलेंज के रूप में लेते हैं और उन्होंने हर बार यह साबित किया हैं कि उनके द्वारा की गई कास्टिंग सफल रही है। चाईलेंज से उन्हें प्यार है और खुद पर भरोसा हैजिससे वे अपने काम को बखूबी अंजाम दे जाते हैं। लेकिन ये सब उनके लिए इतना आसान नहीं था। मुम्बई किसी को आसानी से कुछ नहीं देतीवो भी जब आप देश के सुदूर दूसरे किसी छोटे से राज्य से आते हों। तब तो आपके लिए मुंबई में सर्वाइवल ही पहली चुनौती हो जाती हैजिसका सामना राजकुमार प्रसाद को भी करना पड़ा। उनके पिता किसान थेजिनके लिए फ़िल्म बर्बादी थी और वे चाहते थे कि उनका बेटा पढ़ लिख कर किसी सरकार महकमे में अधिकारी बने। लेकिन राजकुमार बचपन से फिल्मों के पीछे पागल थे। सो फ़िल्म देखने के चक्कर में कई बार पिता और चाचा के हाथों पिटाई भी हुई।

फिर भी फ़िल्म के प्रति उनका जुनून कम नहीं हुआ। दसवीं पास कर बिहार शरीफ आ गएजहां फ़िल्म देखना उनके लिए आसान हो गया। यहां सिनेमाघर में घुसकर यही सोचते थे कि ढाई घन्टे की क्लास है। उन्होंने थिएटर भी किये। बहरहालराजकुमार साल 1997  में मुंबई आ गएजहां उनको अनुमान से ज्यादा स्ट्रगल करना पड़ा। किसी तरह छत तो मिलीपर काम नहीं। स्थिति विपरीत थीमगर बुलंद हौसलों ने उन्हें बिखरने नहीं दिया और वे डटे रहे। नतीजा उन्हें मशहूर निर्देशक आंनद महेंद्रू की साथ बतौर सहायक निर्देशक का काम मिल गया।

साल 2003 में राजकुमार UTV और सिद्धांत सिने विजन से जुड़कर काम शुरू कियामगर उनकी जिंदगी में बदलाव SAB के साथ जुड़कर आया। यहां उन्हें कास्टिंग डायरेक्टर की पहचान मिली और 12 सालों तक SAB के साथ काम किया। इसके बाद तो उन्होंने कभी मुड़कर पीछे नहीं देखा और एक के बाद एक कई धारवाहिक के लिए सफलतापूर्वक कास्टिंग की। फिर वो भी समय आ गया जब एक सफल कॉस्टिंग डायरेक्टर के बाद उन्होंने एक और सपना देखा। क्योंकि उनका सफर किसी एक मंजिल के मोहताज नहीं थातो उन्होंने राजकुमार क्रिएशन की नींव रख दीजो मुख्यतः एक कास्टिंग एजेंसी है। इसका मुख्य उद्देश्य टीवी को लोकप्रिय और प्रतिभाशाली कलाकार देनाछुपी हुई प्रतिभा को उभरना व नए लोगों का सही मार्गदर्शन करना है।

इस बारे में राजकुमार प्रसाद का साफ कहना है कि राजकुमार क्रिएशन की सोच है कि हम अच्छे कलाकारों को अच्छे प्रोजेक्ट से जोड़े। उन्होंने कहा कि अगर आप में प्रतिभा हैतो कोई ताकत आपको आगे बढ़ने से नहीं रोक सकता। इसी हौसले ने मुझे भी बिहार के एक साधारण से गाँव से निकाल कर आज मुंबई तक पहुंचा दिया है। 

शायद यही वजह है कि आज राजकुमार प्रसाद टीवी इंडस्ट्री में कास्टिंग के क्षेत्र में शीर्ष पर काबिज होकर बिहार को गौरवान्वित करते हैं। साथ ही बिहार के प्रतिभाशाली लोगों को प्रेरित भी करते हैं कि जहां चाह होती हैवहाँ ही राह है। जरूरत है अपने मजबूत इरादों के साथ हर विपरीत स्थिति में डटे रहने की।

 

 

  

 


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सिंह सभा गुरुद्वारों की कमेटीयों पर कब्जा करने की शुरूआत कर सिरसा ने अपने पैतृक व्यवसायिक सोच को प्रकट किया : जीके

 सिंह सभा गुरुद्वारों की कमेटीयों पर कब्जा करने की शुरूआत कर सिरसा ने अपने पैतृक व्यवसायिक सोच को प्रकट किया : जीके




नई दिल्ली, 30 दिसम्बर 2020- दिल्ली के सिंह सभा गुरुद्वारों के प्रबंध में दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा की जा रही दखलअंदाजी को जागो पार्टी ने अनावश्यक बताते हुए निंदा की है। जागो पार्टी के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज पार्टी आफिस में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुरुद्वारा सिंह सभा, डी ब्लॉक, टैगोर गार्डन में कमेटी अध्यक्ष मनजिन्दर सिंह सिरसा के समर्थकों द्वारा आज की गई बदमाशी को गुरुद्वारा साहिब पर कब्जा करने के तौर पर परिभाषित किया है। जीके ने कहा कि गोलकों पर कब्जा करने की बादलों की नीति ने अब सिंह सभा गुरुद्वारों पर कब्जा करने की ओर कदम बढ़ा लिये है। उक्त गुरुद्वारा साहिब के अध्यक्ष को संगतों ने 2016 में चार वर्षो के लिए वोटो द्वारा चुना था। चुनी हुई कमेटी का कार्यकाल 26 जून 2020 तक था। पर कोविड के कारण 50 से अधिक लोगों के एकत्र होने पर सरकार ने रोक लगाई हुई है। जिसके चलते उक्त कमेटी ने एसडीएम राजौरी गार्डन को चुनाव करवाने संबंधी मंजूरी देने के लिए 6 जून 2020 को पत्र लिखा था। क्योंकि गुरुद्वारा सिंह सभा सोसायटी के चुनाव संबंधी रिकार्ड दर्ज करने और प्रोग्राम करने की मंजूरी देने की जिम्मेदारी स्थानीय एसडीएम की होती है। जिसके बाबत एसडीएम द्वारा अभी तक फैसला नहीं लिया गया है। परन्तु सिरसा ने दिल्ली कमेटी द्वारा कल एक पत्र भेजकर कमेटी सदस्य मनजीत सिंह औलख के नेतृत्व वाली पाँच सदस्यीय कमेटी को प्रबंध सौंपने का तुगलकी फरमान सुना दिया। जीके ने कहा कि दिल्ली कमेटी के प्रबंध को नुकसान पहुंचाने के बाद सिरसा ने अब सिंह सभा गुरुद्वारों की कमेटीयों पर कब्जा करने के रूझान की शुरूआत कर अपने पैतृक व्यवसाय की कब्जावादी सोच को प्रकट किया है। जीके ने सिरसा को सवाल पूछा कि सिरसा ऐसी कमेटियां उन सिंह सभा गुरुद्वारों में भी बनायेंगे, जहाँ बादल समर्थक काबिज है ? जीके ने साफ कहा कि हम सभी सिंह सभा गुरुद्वारों के चुनाव समय से करवाने के समर्थक हैं। पर अपने समर्थकों को भूल करके बाकी लोगों को डरा धमका या बदमाशी करके कब्जा करने के भी खिलाफ हैं। क्या सिरसा अपने महासचिव हरमीत सिंह कालका से कालकाजी एवं कानूनी सलाहकार जगदीप सिंह काहलो से कृष्णा पार्क गुरुद्वारे की अध्यक्षता छीनने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाने की हिम्मत करेंगे ? जीके ने कहा कि अन्याय से किसी भी सिंह सभा गुरुद्वारे पर कब्जा करने की सिरसा को किसी भी कीमत पर छूट जागो नहीं देगी, जरूरत पड़ने पर हम कानूनी विकल्प का इस्तेमाल करने से भी गुरेज नहीं करेंगे। इस अवसर पर टैगोर गार्डन गुरुद्वारा साहिब के महासचिव सतिन्दर पाल सिंह जागो के प्रदेश अध्यक्ष चमन सिंह सहित कई पार्टी नेता मौजूद थे।

यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधिरते हुए हीं। प्रेस वार्ता में उनके साथ उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी मौजूद थे।

 




केंद्र की भाजपा सरकार को तीनों काले कृषि कानूनों को निरस्त कर किसानों को नए साल की सौगात देनी चाहिए। सरकार के पास नई शुरुआत का मौका है। किसान आंदोलन में अकेले हरियाणा प्रदेश से 10 से ज्यादा किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार मृतकों के परिवारों को मुआवजा और नौकरी दे।

यह बातें हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष कुमारी सैलजा ने नई दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधिरते हुए हीं। प्रेस वार्ता में उनके साथ उत्तराखंड कांग्रेस के अध्यक्ष प्रीतम सिंह भी मौजूद थे।

कुमारी सैलजा ने कहा कि केंद्र और हरियाणा प्रदेश की भाजपा सरकारें जनता के बीच विश्वास खो चुकी हैं। किसान आंदोलन में हरियाणा में 10 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। हरियाणा की सरकार किसानों की बात नहीं सुन रही है। बेहतर होता कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल एक प्रतिनिधिमंडल के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात करते और उन्हें जमीनी स्थिति से अवगत कराते।मुख्यमंत्री मनोहर लाल हरियाणा के किसान, मजदूर की पीड़ा को माननीय प्रधानमंत्री जी को बताते, उनको समझने की कोशिश करते। हरियाणा सरकार में शामिल विधायक आज के दिन समय-समय पर अपने आपको किसानों के साथ जुड़ता हुआ दिखा रहे हैं, लेकिन ये सरकार उनकी भी नहीं सुन रही है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों को गले लगाती है, लेकिन किसानों और गरीबों की नहीं सुनती। इन कानूनों से सरकार अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपति मित्रो फायदा पहुंचना चाहती है। सरकार को समझना चाहिए कि लोकतंत्र में लोगों की बात सर्वोपरी होनी चाहिए और उसके लिए सरकार के लिए बात झुकने की नहीं है, बात जिद्द छोड़ने की है।

कुमारी सैलजा ने कहा कि सरकार अपना हठ छोड़े। तीनों काले कानून खत्म करे और इसके बाद नए सिरे से किसान व मजदूर को नए साल की सौगात दे। सरकार के पास नई शुरुआत का मौका है। नया साल आ रहा है, हमारी मांग भी है और हमारा सरकार से अनुरोध भी है कि सरकार राजहठ छोड़ें, लोकतंत्र में आम लोगों की, किसानों की, मजदूरों की बात सुनें। देश की अर्थव्यवस्था हमारे कृषि क्षेत्र पर निर्भर है। 62 करोड़ किसान जो कृषि पर आधारित है। मजदूर जिनकी आजीविका कृषि क्षेत्र पर आधारित है। सरकार उनकी मांगें माने। जो सरकार हाथ आगे बढ़ाने का ढोंग कर रही है, सरकार असलियत में आगे बढ़े और अन्नदाता को गले लगाए।
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उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने ढ़लावों का किया सौंदर्यीकरण, नागरिकों के लिए बनाया सेल्फी

 उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने ढ़लावों का किया सौंदर्यीकरण, नागरिकों के लिए बनाया सेल्फी प्वाइंट



उत्तरी दिल्ली के महापौर श्री जय प्रकाश ने आज बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम उन क्षेत्रों का सौंदर्यीकरण कर रही हैजो पहले कूड़े के ढेर या बेकार शौचालयों के कारण जाने जाते थे।  

महापौर ने कहा कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने वार्ड नंबर 53 में कॉम्पैक्टर के साथ एक सेल्फी प्वाइंट विकसित किया है। इस स्थान पर पहले एक ढालाव घर होता था जहां से गुजरने पर नागरिकों और राहगीरों को परेशानी होती थी। उन्होंने कहा कि ये प्रयास पर्यावरण को बेहतर और सुंदर बनाने हेतु किए जा रहे है नागरिक पर्यावरण के साथ-साथ सेल्फी प्वाइंट का भी आनंद ले सकें। उन्होंने बताया कि पर्यावरण को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से सेल्फी पॉइंट का विकास अपशिष्ट पदार्थ को पुनःचक्रित करके किया गया है। उसके साथ ही बाग़वानी विभाग ने पौधे-फूल आदि लगा कर उसे आकर्षक बनाया है।

श्री जय प्रकाश ने कहा कि निगम चरणबद्ध तरीके से ढलावों की जगह कॉम्पैक्टर लगा रही है ताकि कूड़ा संग्रह बिंदु के आसपास कचरा ना फैले। उन्होंने बताया कि इकट्ठे किए गए कचरे को सीधे कम्पेक्टर में निष्पादित किया जाता है। जिससे कूड़ा आसपास नहीं फैलता। उन्होंने बताया कि ढ़लावों के आसपास के क्षेत्र को सुंदर बनाने के लिए ढ़लावों के आसपास पौधारोपण और व्यर्थ पदार्थों से बने कुछ मॉडल रखे गए है जो आकर्षण का बिंदु होते है। रोहिणी क्षेत्र के सेक्टर -7 और सेक्टर -3 के पॉकेट -10 में इसी तरह कि एक परियोजना विकसित की गई है।

इसी प्रकार वार्ड 57 में रोहिणी सेक्टर -18 के बाजार के पास बंद किए गए ढ़लाव के स्थान पर एक पुस्तकालय विकसित किया गया है। इस पुस्तकालय के लिए पूर्व महापौरसुश्री प्रीति अग्रवाल ने पुस्तकें प्रदान की है और ज्यादातर पुस्तकें प्रतियोगितास्कूल पाठ्यक्रम या व्यावसायिक पाठ्यक्रमों से संबंधित हैं। कोरोना संकंट स्थिति के कारण पुस्तकालय अभी अस्थायी रूप से बंद है। महापौर ने बताया कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर इस तरह के प्रयोग किए जाएंगे ताकि ढ़लावों के आसपास के क्षेत्रों को सुंदर और पर्यावरण हितैषी बना कर रमणीय स्थल में विकसित करेगा।   


Tuesday, December 29, 2020

मैग्जीन के कवर से मिला वीडियो एलबम में लीड रोल का ऑफर : दिनेश श्रीवास्तव


 

नई दिल्ली। योगराज शर्मा। आज की दिल्ली मैग्जीन के नववर्ष 2021 विशेषांक के कवर पेज के लिए एक नवोदित मॉडल एक्टर को स्थान दिया गया है। दिनेश श्रीवास्तव नाम से ये सज्जन पिछले 20 साल से मायानगरी मुंबई में बिजनेस और एक्टिंग के जरिए अपनी एक पहचान बना रहे हैं। करेक्टर रोल से लेकर हीरो तक की छवि में जंचने वाले दिनेश ने आज की दिल्ली के साथ अपने काम की शुरुआत दिसंबर 2020 से शुरु की, जब उन्होने एक पोर्टफोलियो शूट अपडेट के लिए संपादक योगराज शर्मा से मुलाकात की। उनके ओडिशन के बाद योगराज शर्मा ने उन्हें अपने एक वीडियो एलबम मे लीड रोल का ओफर दिया है। जिसमे एक बेहतरीन हिंदी म्यूजिक वीडियो एलबम को दिल्ली एनसीआर के अलावा उत्तराखंड में भी शूट किया जाना तय हुआ है। इस बारे मे दिनेश का कहना है कि वह किसी भी रोल के निभाने को एक चैलेंज के रुप मे लेते है। और काम को प्राथमिकता देते हुए वह उस किरदार मे डूब जाने का प्रयास करते है। रोमांटिक वीडियो एलबम के बारे मे ंउन्होने कहा कि वो पूरी कोशिश करेंगे कि ये वीडियो युवाओ की खास पसंद बने और हिंदी मे अच्छा संगीत सुनने के शौकीन लोगो को खास तौर पर पसंद आए। 

Perfect Mrs India' 2020 Season 3 finale sees a bevy of intelligent women vie for the skies!

 'Perfect Mrs India' 2020 Season 3 finale sees a bevy of intelligent women vie for the skies!


The simplicity, the social distancing and the small gathering could not hold back the glitz and glamour of 'Perfect Mrs India' 2020 Season 3 finale saw the chosen 12 Top finalists  from all over India prove their mettle to try and win the crown.
Dr Khooshi Gurubhai Thakkar and Gurubhai Thakkar, the driving forces behind the empowering women's pageant  along with Dr Geet Thakkar avered, "There are no barriers of Height, Weight or Age in this pageant.  Indian women give up their dreams and turn four walls into a home. This pageant looks beyond everything and aims to empower them, to help them grow wings!"
The contestants came from varied fields. From housewives to professionals to COVID warriors, the field was open.

Soumita Nandy won the awarded Perfect Woman Of The Show, while there was a tie between Pooja Nishar and Jayanti Gupta for the Second Runner Up, Reema Bahl was the First Runner Up and the coveted title was bagged by Saraswathy Iyer who was crowned 'Perfect Mrs India 2020’. The jury consisted among others,  Philanthropist Dr. Aneel Kashi Murarka, Writer-Director and Social Activist Anusha Srinivasan Iyer, Journalist Jyothi Venkatesh, Shruti Jain.

The event also saw the Perfect Achievers Awards where the winners chosen by audience choice  included Ranvir Shorey, Sharad Kelkar, Sahil Salathia, Deepshikha Deshmukh,  Sanjay Gangnani, Helly Shah, Madhurima Tuli, Chahatt Khanna, Amol Parashar, Child Artist Dishita Sehgal,  Sujoy Mukherjee, Ojas Rajani, Alankrita Sahai, Shivani Tomar, Kanika Mann, Charul Malik, Riya Deepsi, Donal Bisht, Kaveri Priyam, Ahsaas Channa, Jay Soni, Simran Ahuja and Krishna Bharadwaj among many others.
All in all a perfect evening twinkling with achievers indeed.



 






कांग्रेस एक विचार धारा का नाम है जिसने भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।- चौ0 अनिल कुमार

 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौअनिल कुमार ने कांग्रेस स्थापना दिवस पर प्रदेश कार्यालय में ध्वजारोहण किया - कांग्रेस सेवादल  के कार्यकर्ताओं ने वंदेमातरम और राष्ट्रीय गान भी गाया।


कांग्रेस एक विचार धारा का नाम है जिसने भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई।- चौअनिल कुमार


सभी 70 विधानसभाओं में ‘‘तिरंगा यात्रा’’  का आयोजन किया गया।






नई दिल्ली, 28 दिसम्बर, 2020 - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 136वें स्थापना दिवस के मौके पर आज दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौअनिल कुमार ने प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में कांग्रेस का झंडा फहराया और कांग्रेस सेवादल के कार्यकर्ताओं ने वंदेमातरम एवं राष्ट्रगान भी गाया गया।


कांग्रेस स्थापना के अवसर पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार सभी 70 विधानसभाओं में ‘‘तिरंगा यात्रा’’ का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्रीय कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ पूर्व सांसदपूर्व विधायकनिगम पार्षदपूर्व निगम पार्षदचुनाव लड़े प्रत्याशीब्लाक अध्यक्ष सहित अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया। प्रदेश अध्यक्ष चौअनिल कुमार आज चॉदनी चौक जिला कांग्रेस द्वारा हौज काजी चौक पर आयोजित तिरंगा यात्रा में शामिल हुएयात्रा हौज काजी चौकचावडी बाजार से तुर्कमान गेट तक निकाली गईजिसका आयोजन चॉदनी चौक जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मौहम्मद उस्मान ने किया। तिरंगा यात्रा में चौअनिल कुमार के साथ उपाध्यक्ष मुदित अग्रवालअली मेहंदीपूर्व विधायक कुंवर करण सिंहनिगम पार्षद प्रेरणा सिंहजावेद मिर्जासंदीप गोस्वामी और परवेज आलम मुख्य रुप से मौजूद थे।


चौअनिल कुमार ने इस अवसर पर कहा कि कांग्रेस एक विचार धारा का नाम है जिसने भारत को आजादी दिलाने में अहम भूमिका निभाई। देश के सबसे पुराने राजनीतिक दल के रुप में कांग्रेस पार्टी ने आजादी के बाद देश को जो प्रगति और विकास की राह दिखाईउसका असर आज पूरी दुनिया देख रही है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में भाजपा की केन्द्र सरकार आज जिस प्रकार देश के उद्योग धंधों और औद्योगिक ईकाईयों का वर्गीकरण करके अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों में सौंपती जा रही हैउसकी आधारशिला कांग्रेस पार्टी ने देश को सरकार देते समय और संविधान बनाते वक्त बिलकुल भी नही रखी थी। उन्होंने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार के गरीब विरोधी निर्णयों के कारण ही आज किसानोंमजदूरोंगरीबोंमध्यम और निम्न आय के लोगों का जीवन स्तर ध्वस्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के आवाम विरोधी निर्णयों का जीता जागता उदाहरण पिछले एक महीने से चल रहा किसान आंदोलन है। किसानों को उनकी फसल के न्यूनतम समर्थन मूल्य के कारण आंदोलन करना पड़ रहा है।


चौअनिल कुमार ने कांग्रेस स्थापना दिवस पर सभी पूर्व सांसदोंपूर्व विधायकोंनिगम पार्षदोंब्लाक अध्यक्षों सहित कांग्रेसजनों आव्हान किया कि वे तिरंगे के साथ स्थापना दिवस पर #SelfiewithTiranga के तहत सोशल मीडिया के प्लेटफार्म Facebook, Twitter, Instagram or Youtube पर अपने पोस्ट डाले।


नेशनल स्टूडेंट युनियन आफॅ इंडिया (एनएसयूआई) द्वारा कांग्रेस पार्टी के 136 वें समर्थन में तिरंगा मार्च किया गया तथा काले कानून को जलाया गया*

*काँग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस पर एनएसयूआई द्वारा किसानों के समर्थन में तिरंगा मार्च किया गया तथा काले कानून को जलाया गया*

नेशनल स्टूडेंट युनियन आफॅ इंडिया (एनएसयूआई) द्वारा कांग्रेस पार्टी के 136 वें स्थापना दिवस पर किसानों की आवाज़ बुलंद करने के लिए तथा किसानों की पीड़ा को उजागर करने के लिए तिरंगा मार्च का आयोजन किया गया।

तिरंगा मार्च एनएसयूआई कार्यालय से शुरू होकर जंतर मंतर पर जाकर समाप्त हो गया जिसमें एनएसयूआई के सैकड़ो कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में अपनी आवाज़ बुलंद की।

तिरंगा मार्च में अंबानी-अडानी सबसे आगे चल रहे थे तथा उनके पीछे पीछे गले में फांसी का फंदा लटकाए किसान चल रहे थे।

एनएसयूआई द्वारा मोदी सरकार के लाएं गए तीनों काले कानून की प्रतियां भी जलाई तथा केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द काले कानून वापस लेने को कहाँ।

एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नीरज कुंदन जी का कहना है कि आज कांग्रेस पार्टी के स्थापना दिवस पर किसानों की यह दुर्दशा देखकर हम विचलित हो गये है कांग्रेस पार्टी की स्थापना का मतलब ही किसानों को मजबूत करना था लेकिन वर्तमान मोदी सरकार ने काले कानून लाकर किसानों को मजबूर कर दिया। आज देश का अन्नदाता पिछले एक महीने से अपना घर एवं खेत छोड़कर दिल्ली के बार्डर पर कड़कड़ाती ठंड में बैठा है। किसान हमारे देश की रीढ़ है हम उसके खिलाफ अन्याय बर्दाश्त नही करेंगे।

हमारा तिरंगा मार्च केन्द्र सरकार के लिए चुनौती है अगर मोदी सरकार अंबानी-अडानी की गुलामी नही छोड़ेगी तो हम जल्द ही अपना आंदोलन तेज़ करेंगे।

 





Challenges for Primary School Kids in the Changing Education System

 Challenges for Primary School Kids in the Changing Education System

New Delhi:  The Education Leaders Confluence 2020 (ELC) organised on “Challenges for Primary School Kids in the Changing Education System”, The confluence was organised by Pratham Test prep, the confluence focuses on holistic development and has also restructured and re-engineered modules to cater to children right from middle school to help them understand the importance of aptitude building.

The ELC 2020 constitutes a series of talks and discussions, conducted to hear out the experts and discuss various issues and opportunities available in the education sector. Even though India has made significant progress on access to schooling and admissions in primary education, the on-going pandemic has brought new challenges in front of the education system especially in India where we are still in the process to learn and improve. The low levels of learning remain the biggest challenge for the state and the central government.

ELC 20 was aimed to bring thought leaders together and bring to light various aspects of the education system and the need to uplift society. The discussion was graced by eminent panelists that included, Dr. Narjeet KaurHead Mistress Guru Harkrishan Public School, Delhi, Mrs. Sushma Rajkuamr, HOD, City Montessori School, Lucknow, and Ms. Ritika Anand, Vice Principal, St. Mark’s Sr Sec Public School, Delhi.

“COVID-19 has provided us the opportunity to sow the seeds of creating a more empathetic, humane population that our primary students need to be educated in such a way. There is a paradigm shift witnessed in the education sector in India for the last few months due to the pandemic. The teachers had to adapt to e-learning leaving the traditional way of teaching. Many teachers were reluctant of this adaption, but there was no way out and the result was new innovative ways to teach to make the class engaging and interesting.” Said Ankit Kapoor, Managing Director, Pratham Test Prep.

In India there are several challenges related to the student-teacher ratios, infrastructure, and lack of training amongst teachers. In India, the government has to think of ways and mediums to provide teacher training so that overall development is provided to the students.

“Education is the process that aids learning, acquiring knowledge and skills to one's character. In testing times of pandemics, the mode of education has changed by the advent of new technologies. The rise of affordable internet has made education easy and accessible to every corner of the world and the Interactive learning approach has made the availability of education at the comfort of our home.” Said Dr. Narjeet Kaur, Head Mistress Guru Harkrishan Public School, Delhi

The use of technology in education will change the way teachers teach and students learn, but not wash away the need of teachers for a student. Guru Drona was in possession of an indestructible sword along with innumerable arrows in his quiver. Likewise, the Gurus of today have technology as one of the arrows or probably it's their invincible sword!”

“The mundane ways of teaching will be out-dated and it will offer real-life learning opportunities that will diminish what is taught in the classrooms and the real-life requirements. The traditional methods will see a transformation. Technology is not here to replace the teacher who was, is, will be the GURU- Dispeller of Darkness.” said Ms. Ritika Anand, Vice Principal, St. Mark’s Sr Sec Public School, Delhi

Highlighting the importance of vernacular content, the confluence also laid stress on the new and variety of content as a resource to quality education and learning. Since it seems difficult for some schools in rural areas, there is a dire need to focus on the quality of content where the platforms are devoid of it.

“2020 has been a year when teachers and teaching came into focus. Big gains have happened in terms of methods, attitudes & relationships. As we now begin to prepare for returning to school, I sincerely hope that all the positives are sustained and schools and teachers are valued for the service they give to society”. concluded Mrs. Sushma Rajkuamr, HOD, City Montessori School, Lucknow.


Monday, December 28, 2020

Director Jehangir Irroni “Peshawar” gets exceptional response

 Director Jehangir Irroni “Peshawar” gets exceptional response

 


Peshawar Web Series starring Rajeev Sen, Actor Ashmit Patel, Rakshanda Khan, Aadarsh Balakrishna, Rushad Rana, Shishir Sharma, Sakshi Prathan, Satish Sharma, Amitriyaan and helmed by Award – Winning director Jehangir Irroni has premiered on ULLU over the weekend. It is a heart-warming story about a terrorist attack that took place at Peshawar's Army Public School on December 16, 2014, in which more than 148 people, most of them being children were killed.

 

 

As the reports are pouring well, Peshawar is doing exceptionally well on Internet. The film shares a unique point of view about the human impact of the global issue of terrorism. The concept is fresh. It is a tough subject to tackle, informing and drawing the audience into what exactly has been going on in Pakistan. The web series succeeds there. It manages to take you away into this world haunted by tragedy, violence and destruction and evokes emotions in the right measure.  It’s a heart-warming tale of hope and not just a bleak look at the circumstances. The film talks about realistic solutions to a complex issue; giving an aim and hope to the future generation so they can stay away from the path of destruction.

 

 

A commendable effort, Peshawar is finding love amongst the audience. The web series has found an audience and many are raving about it! It's definitely worth a watch. The Series was shot in Dehradun, Masuri, Mumbai, Pavana lake and a few more locations which was really challenging as it was based on a sensitive topic. 



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